India UK Free Trade Agreement: भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता, भारत के लिए एक सुनहरा अवसर, दोनों देशों का व्यापार पहुंचेगा 120 अरब डॉलर तक
भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने 24 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (India UK Free Trade Agreement) साइन किया, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी और यूके के पीएम कीर स्टार्मर ने लंदन में फाइनल किया। ये समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को आसान और सस्ता बनाएगा, जिससे दोनों की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
इससे भारत के कपड़ा, जूते, गहने, समुद्री भोजन और खेती से जुड़े सामान को ब्रिटेन में बिना टैक्स के या बहुत कम टैक्स के साथ बेचने का मौका मिलेगा। वहीं, ब्रिटेन की चीज़ें, जैसे उनकी मशहूर व्हिस्की और कारें, भारत में सस्ती होंगी। ये डील सालाना 34 अरब डॉलर का व्यापार बढ़ा सकती है, और 2030 तक दोनों देशों का व्यापार दोगुना हो सकता है।
India UK Free Trade Agreement: भारत के लिए फायदा
हमारे किसानों, मछुआरों और छोटे-मोटे बिजनेस वालों को इससे बहुत लाभ होगा। खासकर, भारत के आईटी और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को ब्रिटेन में काम करने का मौका मिलेगा। साथ ही, जो भारतीय वहाँ अस्थायी काम के लिए जाते हैं, उन्हें अब डबल टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
ये समझौता आसान नहीं था। 2022 से बात चल रही थी, लेकिन ब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल और टैक्स-वीजा जैसे मुद्दों ने इसे टाल दिया। अब, जब अमेरिका में ट्रंप की टैरिफ नीतियों से दुनिया में व्यापार पर असर पड़ रहा है, ये डील दोनों देशों के लिए बहुत ज़रूरी थी।
India UK Free Trade Agreement से होगी व्यापार में बढ़ोतरी:
ये डील भारत के 99% सामान को यूके में बिना टैक्स या बहुत कम टैक्स के साथ बेचने की सुविधा देगी। बदले में, यूके की चीज़ें जैसे व्हिस्की, कारें भारत में सस्ती होंगी। अनुमान है कि इससे सालाना 34 अरब डॉलर का व्यापार बढ़ेगा और 2030 तक दोनों देशों का व्यापार 120 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
ये भारत के लिए बड़ा मौका है, खासकर कपड़ा, जूते, गहने, समुद्री भोजन और खेती से जुड़े सामान बेचने वालों के लिए। भारत के छोटे कारोबारी और किसान, जो पहले महंगे टैक्स की वजह से यूके में कम्पीट नहीं कर पाते थे, अब ज़्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
India UK Free Trade Agreement से होगी टैक्स में कमी
यूके की व्हिस्की पर भारत का टैक्स 150% से घटकर 10 साल में 40% होगा। यूके की कारों पर टैक्स 100% से घटकर 10% तक आएगा। भारत के सामान, जैसे चावल और फल, यूके में टैक्स-फ्री होंगे। भारत के उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि यूके की प्रीमियम चीज़ें सस्ती होंगी। भारतीय किसानों को यूके में अपने उत्पाद बेचने का बड़ा बाज़ार मिलेगा।
India UK Free Trade Agreement: भारतीय पेशेवरों के लिए मौके
India UK Free Trade Agreement (FTA) में एक “डबल कॉन्ट्रीब्यूशन कन्वेंशन” शामिल है, जिसके तहत भारत के वो पेशेवर जो यूके में अस्थायी तौर पर काम करेंगे, उन्हें वहाँ और भारत में दोहरा टैक्स नहीं देना पड़ेगा। साथ ही, आईटी, हेल्थकेयर और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीयों को ज़्यादा मौके मिलेंगे। ये भारत की युवा प्रतिभा के लिए शानदार है। हमारे आईटी इंजीनियर और डॉक्टर अब यूके में आसानी से काम कर सकेंगे। लेकिन भारत को ये सुनिश्चित करना होगा कि “ब्रेन ड्रेन” (प्रतिभा का पलायन) ज्यादा न हो।
India UK Free Trade Agreement का रणनीतिक महत्व
ये डील तब हुई है जब वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल है, खासकर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों की वजह से। भारत और यूके दोनों को इस समझौते से अपनी अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का मौका मिलेगा। भारत ने सही समय पर ये कदम उठाया। ब्रेक्सिट के बाद यूके को नए व्यापारिक साझेदार चाहिए, और भारत उसका फायदा उठा रहा है। साथ ही, भारत ने यूके के साथ खालिस्तानी गतिविधियों और विजय माल्या जैसे भगोड़े कारोबारियों पर बात उठाकर अपनी कूटनीतिक ताकत भी दिखाई।
India UK Free Trade Agreement का स्थानीय उद्योगों पर असर
यूके से सस्ते आयात, जैसे व्हिस्की और कारें, भारत के स्थानीय उद्योगों (खासकर शराब और ऑटोमोबाइल सेक्टर) के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा ला सकते हैं। अगर भारतीय कंपनियाँ इस प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार नहीं हुईं, तो कुछ सेक्टर में नुकसान हो सकता है। भारत को अपने छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को तकनीकी और वित्तीय सहायता देनी होगी ताकि वे यूके की गुणवत्ता और कीमतों का मुकाबला कर सकें। साथ ही, भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि आयात की बाढ़ से स्थानीय उत्पादकों को ज्यादा नुकसान न हो।
यूके का कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM):
यूके का CBAM (कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म) भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त टैक्स लगा सकता है, जिससे भारत के कुछ सेक्टर को नुकसान हो सकता है। भारत ने इस मुद्दे को FTA वार्ता में उठाया और कुछ रियायतें हासिल की हैं, लेकिन भविष्य में इससे और प्रभावी ढंग से निपटने की रणनीति बनानी होगी। भारत को अपनी इंडस्ट्री को कम कार्बन उत्सर्जन वाली तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
India UK Free Trade Agreement भारत के लिए होगा गेम-चेंजर
यह समझौता अभी यूके की संसद की मंजूरी के अधीन है, जिसमें एक साल तक लग सकता है। FTA के बारे में सरकार को जनता और छोटे कारोबारियों के बीच जागरूकता फैलानी होगी। इंडिया – यूके FTA (Free Trade Agreement) भारत के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो हमारे किसानों, कारोबारियों और युवा पेशेवरों को नए बाज़ार और मौके देगा।
यह समझौता भारत को वैश्विक व्यापार में और मज़बूत बनाएगा, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे स्थानीय उद्योगों पर असर और CBAM जैसे नियम। अगर सरकार इन जोखिमों को सही से मैनेज कर ले, जैसे MSMEs को सपोर्ट देकर और हरित तकनीक को बढ़ावा देकर, तो ये India UK Free Trade Agreement (FTA) भारत की अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
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