Panipat Refinery: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

Panipat Refinery

Panipat Refinery: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

Panipat Refinery (पानीपत रिफाइनरी), जो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) द्वारा संचालित है, भारत की प्रमुख तेल रिफाइनरियों में से एक है और दक्षिण एशिया में एक एकीकृत पेट्रोकेमिकल्स हब के रूप में जानी जाती है। यह हरियाणा के पानीपत जिले में बहौली क्षेत्र में स्थित है और 1998 में स्थापित हुई थी, जो IOCL की सातवीं रिफाइनरी है। इस रिफाइनरी की तकनीकी प्रगति और क्षेत्रीय महत्व को देखते हुए, यह उत्तर-पश्चिम भारत, जिसमें हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली का हिस्सा शामिल है, की पेट्रोलियम उत्पादों की मांग को पूरा करती है।

Panipat Refinery

Panipat Refinery: स्थापना और तकनीकी प्रगति

पानीपत रिफाइनरी की स्थापना 1998 में हुई थी, और यह आधुनिक रिफाइनिंग तकनीकों से लैस है, जैसे कि एक्सेन्स (फ्रांस), हल्डोर-टॉप्सो (डेनमार्क), UOP (USA), स्टोन एंड वेबस्टर (USA), और डेल्टा हडसन-कनाडा जैसे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों की तकनीक। यह रिफाइनरी न केवल तेल शोधन में बल्कि पेट्रोकेमिकल्स के उत्पादन में भी अग्रणी है, जिसमें 2006 में कमीशन किए गए PX-PTA यूनिट्स और एक नाफ्था क्रैकर कॉम्प्लेक्स शामिल है, जो एथिलीन और प्रोपिलीन का उत्पादन करता है, जिसका उपयोग पॉलीप्रोपाइलीन, लो/हाई-डेंसिटी पॉलीएथिलीन और मोनोएथिलीन ग्लाइकोल जैसे पॉलिमर बनाने में होता है।

Panipat Refinery: पर्यावरणीय और तकनीकी विशेषताएँ

पानीपत रिफाइनरी न केवल अपनी उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है, बल्कि यह अपने पर्यावरणीय और तकनीकी पहलुओं में भी अग्रणी है। यहाँ कुछ खास विशेषताओं का उल्लेख है, जो इसे एक अनूठी और पर्यावरण-अनुकूल रिफाइनरी बनाती हैं:

  • शून्य अपशिष्ट गैस उत्सर्जन: पानीपत रिफाइनरी ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है और यह सुनिश्चित करती है कि अपशिष्ट गैसों का उत्सर्जन शून्य हो। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है, जो इसे एक जिम्मेदार औद्योगिक इकाई बनाता है।
  • चार परिवेशी वायु निगरानी स्टेशन: रिफाइनरी शुरू होने से पहले ही इसके आसपास चार परिवेशी वायु निगरानी स्टेशन स्थापित किए गए थे। ये स्टेशन हवा की गुणवत्ता पर लगातार नजर रखते हैं, ताकि पर्यावरण पर रिफाइनरी के प्रभाव को न्यूनतम रखा जा सके। यह दर्शाता है कि IOCL ने शुरू से ही पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया।

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  • हरित पट्टी के साथ पर्यावरण-अनुकूल रिफाइनरी: रिफाइनरी के चारों ओर एक हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) विकसित की गई है, जो न केवल क्षेत्र को सुंदर बनाती है, बल्कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करती है। यह हरित क्षेत्र वायु प्रदूषण को कम करने और जैव विविधता को बढ़ावा देने में योगदान देता है।
  • पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली: रिफाइनरी के अंदर संचार के लिए एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक-आधारित प्रणाली स्थापित की गई है। यह न केवल कार्यक्षमता को बढ़ाती है, बल्कि कागजी कार्यवाही को कम करके पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।
  • सबसे कम मानव संसाधन: पानीपत रिफाइनरी अपने क्षेत्र की अन्य समान क्षमता वाली रिफाइनरियों की तुलना में सबसे कम मानव संसाधन के साथ संचालित होती है। यह इसकी उन्नत तकनीक और कुशल प्रबंधन का प्रमाण है, जो उत्पादकता को बनाए रखते हुए संसाधनों का इष्टतम उपयोग करता है।

Panipat Refinery: वर्तमान क्षमता और विस्तार योजनाएं

वर्तमान में, पानीपत रिफाइनरी की रिफाइनिंग क्षमता 15 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) है, जो 2010 में बढ़ाई गई थी। हाल के वर्षों में, IOCL ने इसकी क्षमता को 25 MMTPA तक बढ़ाने की योजना को मंजूरी दी है, जिसकी अनुमानित लागत 35,000 करोड़ रुपये है। यह विस्तार परियोजना 2021 में स्वीकृत हुई थी और इसे लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, एक नई ग्रीन हाइड्रोजन सुविधा की स्थापना की जा रही है, जिसकी क्षमता 7,000 मीट्रिक टन है और लागत लगभग 60,000 करोड़ रुपये है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Panipat Refinery: उत्पाद और पर्यावरणीय योगदान

पानीपत रिफाइनरी विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करती है, Panipat Refinery (पानीपत रिफाइनरी) में बनने वाले उत्पाद है: पेट्रोलियम गैस (LPG), बेंजीन, मोटर स्पिरिट (MS), एथनॉल ब्लेंडेड मोटर स्पिरिट (EBMS), हाई स्पीड डीजल (HSD), एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF), सुपीरियर केरोसिन ऑयल (SKO), लाइट डीजल ऑयल (LDO), लो सल्फर हैवी स्टॉक (LSHS), प्रोपिलीन, पैरा-एक्साइलीन (PX), प्यूरिफाइड टेरेफ्थालिक एसिड (PTA), नाफ्था, पेटकोक, सल्फर, फ्यूल ऑयल, और बिटुमेन। यह विशेष रूप से अल्ट्रा-लो सल्फर डीजल के उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जो यूरो VI/BS 6 मानकों को पूरा करता है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।

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Panipat Refinery: नवीकरणीय ऊर्जा पहल

रिफाइनरी ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाए हैं। इसमें 2-G बायोफ्यूल प्लांट और 3-G एथनॉल प्लांट शामिल हैं, जहां 3-G एथनॉल प्लांट दुनिया का पहला ऐसा प्लांट है, जो जैविक कचरे से एथनॉल उत्पादन में अग्रणी है। इन पहलों के लिए सरकार किसानों को समर्थन दे रही है, जो पराली को 2,500 रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीद रही है, जिसका उपयोग इन परियोजनाओं में किया जा रहा है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देता है।

Panipat Refinery: क्षेत्रीय और आर्थिक महत्व

पानीपत रिफाइनरी न केवल तकनीकी रूप से अग्रणी है, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक उन्नति में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसके विस्तार और नई परियोजनाओं से स्थानीय रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर जब बात नवीकरणीय ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स की हो।

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