मॉनसून का कहर जारी: यूपी में 18 की मौत, राजस्थान – गुजरात में बाढ़
देश के कई हिस्सों में मानसून का कहर जारी है। बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण जानमाल का भारी नुकसान भी हुआ है। सभी प्रभावित राज्यों में आपदा प्रबंधन टीमें तैनात हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारियां की जा रही हैं। देश के कई राज्यों में मानसून ने जबरदस्त कहर बरपाया है। मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
उत्तर भारत में मॉनसून की स्थिति:
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उत्तर प्रदेश:
पूर्वी उत्तर प्रदेश में मॉनसून पूरी तरह सक्रिय है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गाजियाबाद में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बनी, और भारी बारिश के कारण यूपी में 18 लोगों की मौत हुई। लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश:
भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर हैं। बद्रीनाथ मार्ग बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल में अगले तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें शिमला, मनाली और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की आशंका जताई गई है।
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दिल्ली-एनसीआर:
दिल्ली में मॉनसून ने गर्मी और उमस से राहत दी है, लेकिन सड़कों पर जलभराव की समस्या बनी हुई है। मौसम विभाग ने 20-21 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
पश्चिमी भारत में मॉनसून का प्रभाव:
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राजस्थान:
इस साल मॉनसून ने कई रिकॉर्ड तोड़े। जयपुर में बीसलपुर बांध के गेट खोलने की तैयारी है, क्योंकि बांध ओवरफ्लो हो चुका हैं। नागौर में सड़कों पर मछलियां तैरती दिखीं, जो भारी बारिश का संकेत है। बारां, झालावाड़, कोटा, और बूंदी में अत्यधिक बारिश का अलर्ट है। पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित हादसों में 7 लोगों की मौत हुई।
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गुजरात:
जूनागढ़ और नवसारी में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। सड़कों पर कारें और भैंसें तैरती दिखीं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। अहमदाबाद में जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ।
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महाराष्ट्र:
मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी थी, और मुंबई में भारी बारिश से जलभराव की स्थिति बनी। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में ठाणे और अन्य उपनगरीय क्षेत्रों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
मध्य भारत में मॉनसून की सक्रियता:
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मध्य प्रदेश:
मॉनसून का 70% कोटा लगभग पूरा हो चुका है। भोपाल, रायसेन, टीकमगढ़, और छतरपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट है। डिंडोरी, उज्जैन, और अनूपपुर में अच्छी बारिश दर्ज की गई, लेकिन कुछ जिलों में बारिश की कमी है। बाढ़ और जलभराव से कई क्षेत्र प्रभावित हैं।
छत्तीसगढ़:
बिलासपुर के कोटा ब्लॉक में एक तालाब रहस्यमयी तरीके से गड्ढे में समा गया, जिससे सिंकहोल की आशंका जताई जा रही है। भारी बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है।
दक्षिण और पूर्वी भारत में मॉनसून:
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने मई में ही केरल में दस्तक दी थी, जो सामान्य से पहले था। अगले 6-7 दिनों में इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर:
कोलकाता में भारी बारिश से सड़कों पर जाम की स्थिति है। मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, और नागालैंड में भारी वर्षा दर्ज की गई, जो विश्व के सबसे अधिक बारिश वाले क्षेत्रों में शामिल हैं।
मौसम विभाग की चेतावनियाँ
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 18 जुलाई को प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, और दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
मॉनसून जागरूकता सप्ताह के तहत IMD ने यात्रियों को मौसम की जानकारी लेने, छाता/रेनकोट साथ रखने, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी है।
मॉनसून की प्रगति:
इस साल मॉनसून ने देशभर में 15% अधिक बारिश दर्ज की है, जिसमें अब तक 254 मिमी बारिश हो चुकी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मॉनसून ने केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में दस्तक दे दी है। अगले 6-7 दिनों में इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
इस साल मॉनसून समय से पहले और सामान्य से बेहतर रहा, जिससे किसानों को फायदा हुआ है। खाद्य मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीद है, और बंपर फसल उत्पादन की संभावना है।
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